Monday, December 30, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण एवं कल्याण समिति की बैठक का आयोजनकभी जल संकट से जूझता था हरोली... अब है कुशल जल प्रबंधन की उम्दा मिसाल2 जनवरी को सिहुन्ता पुलिस स्टेशन और उप मंडलीय पुलिस कार्यालय चुवाड़ी का करेंगे शुभारंभ   प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने रामपुर से कुल्लू को जोड़ने वाली जलोड़ी जोत के निर्माण को केंद्र की मंजूरी पर खुशी व्यक्त करते हुएबारिश व बर्फबारी के कारण बंद अधिकांश सड़कों पर यातायात बहाल- उपायुक्त*जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईवीएम और वी वी पैट भंडार कक्ष का निरीक्षण किया*सेवानिवृति पर विशेष : बंद होने की कगार पर था सरकारी प्राइमरी स्कूल बारी अपनी आधी सैलरी दे रखे अध्यापक और  बढ़ाई छात्र संख्याआनी के  ग्रामीण क्षेत्रों में 15 पोष की रात्रि को कद्दू खाने की परंपरा आज भी कायम
-
विशेष

धनी राम को नर्सरी ने बनाया धनवान

-
हिमालयन अपडेट ब्यूरो | May 04, 2020 04:15 PM

कुल्लू,


कुल्लू के उपनगर भुंतर के समीप कलैहली गांव के धनी राम ने हर सीजन की तरह इस बार भी निजी भूमि पर एक बड़ी नर्सरी तैयार कर ली थी। नर्सरी में शिमला मिर्च, मिर्च, टमाटर, बैंगन, बंद गोभी व फूल गोभी के लाखों पौधे लगभग तैयार थे। इतने में प्रदेश सरकार ने लाॅक-डाउन की घोषणा कर दी। धनी राम को लाखों की तैयार की गई पनीरी को किसानों तक पहुंचाने की चिंता होना स्वाभाविक था। उन्हें लगा कि इस बार कोरोना का संकट उन पर भारी पड़ जाएगा और महीनों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
इसी बीच, सरकार ने जब लाॅकडाउन के बीच ही किसानों व बागवानों को खेती-बाड़ी का कार्य करने की इजाजत दी तो धनी राम को बड़ा सुकून मिला और एक उम्मीद जगी कि मेहनत जाया नहीं जाएगी। उन्होंने तुरंत कृषि विभाग के अधिकारियों को फोन किया कि क्या किसान पनीरी लेने उनकी नर्सरी तक आ पाएंगे अथवा गांव-गांव तक इसे पहुंचाने की व्यवस्था हो सकेगी। किसानों और नर्सरी उत्पादकों की समस्या को देखते हुए विभाग के अधिकारियों ने जिला के सभी नर्सरी उत्पादकों को वाहनों के परमिट जारी करवाए।
       धनी राम कुल्लू, बंजार, मनीकर्ण घाटी, सैंज तथा मनाली के अनेकों गांवो के किसानों को हर साल पनीरी की आपूर्ति करते हैं। वाहन का परमिट मिलते ही वह गांव-गांव में मांग के अनुसार पनीरी पहुंचाने के कार्य में जुट गए। लाॅकडाउन के दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार की लगभग 10 लाख पनीरी गांव में किसानों को वितरित की।        धनी राम मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार जताते हुए कहते हैं कि खेती-बाड़ी के काम के लिए लाॅकडाउन के आरंभ में ही छूट देकर मुख्यमंत्री ने किसानों की मेहनत का सम्मान किया है। उनका यह भी मानना है कि कोरोना संकट के चलते परिवार के सभी सदस्य घरों में ही हैं और इसका किसानों को दोहरा लाभ मिला है। इससे पूरा परिवार एक साथ खेती-बाड़ी का कार्य कर रहा है जिससे उत्पादन बढ़ा है और खेती-बाड़ी के कार्य में किसानों को मजदूरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ा। इससे कृषि कार्यों में गुणवत्ता भी आई है। चंद दिनों में ही 10 लाख मूल्य की नर्सरी बेचकर धनी राम ने लाॅकडाउन की चुनौतियों को अवसर में बदल कर एक मिसाल कायम की है।
       धनी राम बताते हैं कि आरंभ में उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व टमाटर और शिमला मिर्च की पनीरी तैयार करने की चाहत से अपना काम शुरू किया। धीरे-धीरे मांग बढ़ने लगी और वह अपना काम बढ़ाते गए। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को अपने साथ पनीरी तैयार करने के कार्य में लगाया। इसके बावजूद मांग पूरी न कर पाने पर उन्होंने अपने इस कारोबार को और बढ़ाने की सोची। उन्होंने हर किस्म की पनीरी तेयार करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर विभाग से बीज प्राप्त किए और तकनीकी जानकारी भी हासिल की।
रोजगार भी दिया है सात युवाओं को
धनी राम बताते हैं कि उन्होंने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए चार युवाओं को मासिक वेतन पर अपनी नर्सरी में नियमित तौर पर रोजगार प्रदान किया है। इसके अलावा, धनी राम नेे अपने दोनों बेटों को भी नर्सरी उत्पादन के कार्य में लगाया है। ऐसा करने से उसके बेटों को रोजगार के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ा और घर-द्वार पर स्वरोजगार प्राप्त हुआ है। अब वह टमाटर, शिमला मिर्च, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी, बंद गोभी इत्यादि सभी प्रकार की पनीरी अपनी नर्सरी में तैयार कर रहे हैं।
अपनी नर्सरी में धनी राम ने बागवानी विभाग की मदद से पाॅली हाउस भी स्थापित किए हैं जिनमें बे-मौसमी प्रकार की पनीरी तैयार की जा रही है। अपने घर-परिवार व मजदूरों के लिए वह पाॅली हाउस में सभी प्रकार की सब्जियां भी तैयार करते हैं।
धनी राम बताते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। मेहनत, लग्न और ईमानदारी के साथ यदि किसी काम को अंजाम दिया जाए तो उसका फल अवश्य मिलता है। उनका मानना है कि खेती-बाड़ी का काम एक आदर्श कार्य है जिसके माध्यम से किसान समाज को खाद्यान्न की व्यवस्था करता है। वह युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं कि पढ़ाई-लिखाई का उद्देश्य केवल सरकारी नौकरी प्राप्त करना नहीं होना चाहिए। पढ़े-लिखकर नौजवान अनेक प्रकार के स्वरोजगार सृजित कर सकते हैं और अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने की क्षमता रखते हैं।

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और विशेष खबरें
उप राजिक मोहर सिंह छींटा सेवानिवृत वन चौकीदार से BO बनने तक का संघर्षपूर्ण सफर । नाम सक्षम ठाकुर योगा में हिमाचल और परिवार का नाम कर रहा ऊँचा विदेश से नौकरी छोड़ी, सब्जी उत्पादन से महक उठा स्वरोजगार सुगंधित फूलों की खेती से महकी सलूणी क्षेत्र के किसानों के जीवन की बगिया मौत यूं अपनी ओर खींच ले गई मेघ राज को ।हादसास्थल से महज दो किलोमीटर पहले अन्य गाड़ी से उतरकर सवार हुआ था हादसाग्रस्त आल्टो में । पीयूष गोयल ने दर्पण छवि में हाथ से लिखी १७ पुस्तकें. शिक्षक,शिक्षार्थी और समाज; लायक राम शर्मा हमें फक्र है : हमीरपुर का दामाद कलर्स चैनल पर छाया पुलिस जवान राजेश(राजा) आईजीएमसी शिमला में जागृत अवस्था में ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपेरशन किसी चमत्कार से कम नहीं लघुकथा अपने आप में स्वयं एक गढ़ा हुआ रूप होता है। इसे यूँ भी हम कह सकते हैं - गागर में सागर भरना
-
-
Total Visitor : 1,70,11,978
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy