रामपुर बुशहर,
जिला स्तरीय सराहन दशहरा मेले की पहली रात्रि संध्या का शुभारंभ व्यापार मंडल रामपुर के अध्यक्ष हरीश गुप्ता ने की। मेला कमेटी के सदस्यों और अन्य लोगों ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। इसके बाद मुख्यातिथि को टोपी और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सराहन में शनिवार को आयोजित दशहरा मेले की पहली रात्रि संध्या में सबसे पहले सीनियर सेकेंडरी स्कूल और प्राइमरी स्कूल सराहन के छात्र एवं छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी।
इसके बाद सराहन के कई अन्य स्कूली बच्चों ने बारी बारी से कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं कार्यक्रम में कुल्लू से आए सांस्कृतिक दल ने भी अपने लोक नृत्य से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। जिसे रात्रि संध्य में उपिस्थत लोगों ने खुब सराहां। क्षेत्र के स्थानीय कलाकार बीरबल मुसाफिर और तान्तरा ग्रुप ने लोगों को अपने गानों में खूब नचाया । इस मौके पर मन्दिर ट्रस्ट के अधिकरी बालक रमा नेगी, सराहन व्यपार मंडल के अध्यक्ष शेर सिंह सोनी, विमल चौहान, राजेश गुप्ता के अलावा कई लोग उपस्थित रहे।
जिला स्तरीय सराहन दशहरा के तीसरे दिन देवालु आने अपने देवी-देवताओं के साथ भीमाकाली मन्दिर से निकल कर पूरे बाजार की परिक्रमा लगाते हुए और नाचते गाते राजा के दरबार तक पहुंचे। इसके बाद सभी देवी देवता अपने चयनित स्थान पर बैठ गए। इसके बाद देवलु अपनी पारंपरिक वेशभूषा में लोगों के साथ ग्राउंड में नाटी डाले रहे। इस दौरान लोगों ने मेले में खुब आनंद लिया। मेले में विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने एक दूसरे को मिठाई बांटी। इस दौरान सराहन बाजार में सभी तरह की दुकानें खूब सजी रही।
महल प्रबंधक प्रेम राज मेहता, गोपाल सिंह मेहता, दिनेश चौहान, सुशील जेस्टू, विजय सिंह, मनोज सोनी, राजेश के अलावा अन्य लोगों का कहना है कि तीसरे दिन मेले में खुब रोनक रही। इस दौरान मेले में देर शाम तक देवालु अपने चयनित स्थान पर नाचते गाते रहे। वहीं मेले में विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने देवताओं के समक्ष माथा टेका और सुख समृद्धि का आर्शिवाद लिया। साथ ही मेला बाजारी में दुकानों में खुब भीड़ रही और लोगों ने जम कर खरीदारी की।
इस बार मेले में पहुंचे 13 देवी देवता
सराहन जिला स्तरीय दशहरा मेले में इस बार 13 देवी- देवता पहुंचे हैं। जिन में बोंडा नाग देवता, देवता दत्त महाराज बसारा, महारुद्र गसो, निनसु धराली, किन्नू के लक्ष्मीनारायण, कुनी के नाग देवता, रचोली से जाख,जिला कुल्लू से खरगा नाग, सूमो देवता और चाटी देवता के इलावा किन्नौर से लनकडवीर कल्पा देवता मेले में पहुंचे हैं।