किसी के मुख से निकला वो शब्द
जो सबको भा जाता है
सभी के हृदय में वह शक्श
अपनी जगह बना जाता है
दूर तक झंकार सुनाई देती है
मन प्रफुल्लित हो जाता है
वो शब्द ही है जो
दूसरों को अपना बनाता है
कटु शब्दों के बाण
जब कोई चलाता है
तलवार से भी गहरा घाव करता है
उम्र भर नहीं भर पाता है
शब्द भी दो तरह से काम करते हैं
मधुर बचन से खिल जाता हैं मन
कड़वे बचन जब बोलता है कोई
जल उठता है तब तन बदन
मीठे शब्दों को ढ़ाल बनाकर
कर जाते है कई घटिया काम
असलियत जब आती है सामने
हो जाते हैं बदनाम