शिमला,
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रशासन पर एक बार फिर से सवाल उठे हैं और इस मर्तबा प्रशासन के शोषण का शिकार अस्पताल में सेवा दे रहे सुरक्षाकर्मी हुए हैं. आईजीएमसी सिक्योरिटी यूनियन के प्रेसिडेंट बबलू ने प्रशासन और कंपनी पर आरोप लगाया कि मेडिकल स्थिति के चलते छुट्टी पर गए सुरक्षा कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है और साथ ही कंपनी समेत अधिकारी पर ठीक से व्यवहार न करने का आरोप लगाए हैं.
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सिक्योरिटी यूनियन के प्रेसिडेंट बबलू ने बताया कि आपदा के दौरान सरकार के निर्देश थे कि लोग यथा स्थिति पर बने रहे. आपदा के दौरान अस्पताल में काम करने वाले दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए इसके बाद दोनों अभी भी बेड रेस्ट पर है लेकिन ऐसे वक्त में भी प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है जबकि डॉक्टर की ओर से भी दोनों कर्मचारियों को बेड रेस्ट लिखा गया है.
इसके अलावा प्रेसिडेंट बबलू ने अस्पताल प्रशासन के संबंधित अधिकारी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जब से के अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गई है तब से उन्हें कभी वक्त पर सैलरी नहीं मिलती और उन्हें परेशान किया जाता है. बबलू ने कहा कि इस मसले पर भी जब वे अधिकारी से बात करने गए तो उन्हें दुत्कार दिया और बात सुनने से ही इनकार कर दिया. सिक्योरिटी यूनियन के प्रेसिडेंट ने अधिकारी पर कंपनी के साथ होने के भी आरोप लगाए हैं.
वहीं कर्मचारियों ने आईएमसी प्रशासन पर कोविड के दौरान लगे कर्मचारी की सूची में भी छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि IGMC अधिकारियों ने अपने चाहतों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें कोविड समय के कर्मचारियों की सूची से बाहर कर दिया तो कुछ लोगों के नाम इस लिस्ट में डाल दिए, ताकि अगर कोविड काल में लगे कर्मचारियों को निकाला जाए तो उनके चहेते इससे बच निकले.