शिमला,
आईजीएमसी के 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने के खिलाफ सुरक्षा कर्मियों ने सीटू के बैनर तले डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नौकरी से निकाले गए कर्मियों को वापिस नौकरी पर न लिया तो आंदोलन तेज होगा।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर निकालने का निर्णय गैर कानूनी है। इसे तुरन्त वापिस लिया जाए। अगर ऐसा न किया गया तो कल से आईजीएमसी में जोरदार प्रदर्शन और हड़ताल होगी। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों की मानसिक प्रताड़ना की जा रही है। ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है जोकि यूनियन से आईजीएमसी प्रबन्धन द्वारा किए गए समझौते व औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एच का खुला उल्लंघन है। आईजीएमसी प्रबन्धन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम क़ानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है। पिछले कई वर्षों से कार्यरत सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 एच की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नई आउटसोर्स कम्पनी द्वारा जो शपथ पत्र सुरक्षा कर्मियों से लिया जा रहा है, उसमें अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर सभी सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति न की गई तो कल से आईजीएमसी के बाहर धरना दिया जाएगा। इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
आईजीएमसी सिक्योरिटी से निकाले गए बबलू ने बताया कि उनके 34 गार्ड को नोकरी से बिना किसी कारण नोकरी से निकाल दिया गया है।उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस भी नही दिया गया नोकरी से निकालने से पहले नोटिस भी नही दिया गया और नोकरी से निकाल दिया गया है।उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से आग्रह करते है कि सभी 34 कर्मियों को नोकरी पर वापिस रखा जाए।उन्होंने कहा कि उन्होंने मजदूरों के हक कि आवाज़ जिस कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया ।