शिमला,
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन के बीच विवाद बढ़ गया है आईजीएमसी में सिक्योरिटी को लेकर हुए नए टेंडर में 34 सुरक्षा गार्ड्स को निकाल दिया गया है शनिवार देर रात जारी की गई लिस्ट में 34 सुरक्षा कर्मियों को निकाल दिया गया है उसके बाद आईजीएमसी में माहौल गरमा गया है रविवार सुबह से ही आईजीएमसी में सुरक्षा गार्ड्स ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और काम ठप्प कर दिया है कोई भी सुरक्षा गार्ड कहीं भी वार्ड में ड्यूटी पर नहीं गया और अपने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन पर बैठ गया है। बताया जा रहा है कि यह विवाद और बढ़ जाएगा निकाले गए गार्डो के समर्थन में सीटू भी प्रदर्शन कर सकता है।
महिला सुरक्षा श्रेया ने कहा कि हमारे साथी सुरक्षा कर्मियों को बिना किसी कारण काम से निकाल दिया गया है।अस्पताल में नए टेंडर किये गए लेकिन कुछ सुरक्षा कर्मियों को नए टेंडर में शामिल न करते हुए नोकरी से निकाल दिया गया है।उन्होंने कहा कि हम सभी सुरक्षा कर्मी नए टेंडर का विरोध करते हैं।उन्होंने कहा कि यहां सुरक्षा कर्मी 14 वर्षों से काम कर रहे थे उन्हें बिना नोटिस दिए कार्य से निकाल दिया।प्रशासन यह बताए कि उन्हें किस कारण से नोकरी से बाहर निकाला गया।उन्होंने कहा कि वह उस समय तक कार्य पर नही जाएंगे जब तक सभी सुरक्षा कर्मियों को कार्य पर नही रखा जाता ।उन्होंने कहा कि उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी जब तक उनकी मांग नही मानी जाती।
आईजीएमसी सिक्योरिटी से निकाले गए बबलू ने बताया कि उनके 34 गार्ड को नोकरी से बिना किसी कारण नोकरी से निकाल दिया गया है।उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस भी नही दिया गया नोकरी से निकालने से पहले नोटिस भी नही दिया गया और नोकरी से निकाल दिया गया है।उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से आग्रह करते है कि सभी 34 कर्मियों को नोकरी पर वापिस रखा जाए।उन्होंने कहा कि उन्होंने मजदूरों के हक कि आवाज़ जिस कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया ।