Tuesday, January 21, 2025
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषाई अध्यापक संघ ने शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग से पुनः उठाई मांगसुरेन्द्र शौरी ने किया जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू का दौरा।गेयटी थिएटर में मनाया जाएगा राज्य स्तरीय राष्ट्रीय मतदाता दिवस : अनुपम कश्यप भूतपूर्व सैनिक वीर नर्स और सैनिक आश्रित परिवारों के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज समीरपुर पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से की मुलाकातशिमला के मंदिरों की बनेगी वेबसाइट : अनुपम कश्यप भारतीय जनता पार्टी द्वारा सर्किट हाउस में रविवार को संविधान गौरव अभियान का शुभारम्भ किया गया ! टौणी देवी में टूटे लिंक रोड का जायजा लेने  पहुंचे एनएचएआई के अधिकारीएसजेबीएन फाउंडेशन द्वारा जरूरतमंद महिलाओं को पोषक खाद्य सामग्री वितरित की
-
कहानी

आभासी संबंधों में उम्र बहुत मायने नहीं रखती ; सुधीर श्रीवास्तव

-
ब्यूरो हिमालयन अपडेट 7018631199 | February 21, 2022 10:07 PM
सुधीर श्रीवास्तव

अनुभव

संयोग

अब इसे संयोग नहीं तो और क्या कहूँ आप ही बताइए कि आभासी संचार माध्यमों ने कुछ ऐसे नये रिश्तों को जन्म दे दिया कि कल्पना करना कठिन लगता है कि इन रिश्तों के मध्य उपजे आत्मिक संबंध कहीं से भी वास्तविक रिश्तों से कम महत्वपूर्ण अहसास नहीं कराते।

बहुतों के साथ हुआ होगा,हो रहा होगा या आगे भी होता ही रहेगा।जहाँ आपको रिश्तों की मिठास,अपनापन, प्यार, तकरार, एक दूसरे की चिंता और वो सब कुछ मिलता है,जो कभी कभी वास्तविक रिश्तों में भी नहीं मिलता, तो ऐसा भी होता है कि जिस रिश्ते का अधूरापन आपको सालता रहता है, वह आभासी माध्यम से बने रिश्तों से पूरा हो जाता है।जिसमें मर्यादा का प्रभाव बड़ी भूमिका निभाता है। हालांकि ये कहने में भी कोई संकोच नहीं कि हर जगह कुछ न कुछ गलत भी हो जाता है,लेकिन ऐसा वास्तविक रिश्तों में भी तो होता है।


अक्सर आभासी दुनियाँ में प्रथम संबोधन रिश्तों की गंभीरताओं/मर्यादाओं का बोध करा देते हैं,जिसमें आप इस हद तक बँध जाते हैं,जहाँ से आप खुद को छुड़ाना भी नहीं चाहते और आत्मभाव से मर्यादा का मापदंड भी बनाये रखते हैं। जहाँ आप प्यार, दुलार, मान, सम्मान, शिकवा,शिकायत, रुठना,चिढ़ाना, छेड़ना, मनाना,चिंता, खुशियां बाँटना और वो सब करते कराते हैं,जो उस पवित्र पावन रिश्ते की जरूरत है।
और तो और बहुत बार तो आप उससे डरते भी,आपको भी पता है कि सामने वाले से न डरकर भी कुछ नहीं होने वाला, फिर भी आप डरते ही नहीं उसके आज्ञाकारी भी होते हैं,क्योंकि सामने वाला/वाली आपके लिए जो सोचता/सोचती, कहता/, बताता/बताती और अधिकार जताता/जताती है,उसके लिए आपके मन में लगाव, सम्मान, श्रद्धा जो हो जाती है।उसके पीछे भी कारण है कि कोई आप में सिर्फ अच्छाइयाँ नहीं ढूंढता,बल्कि समाज में आपको अच्छे इंसान के रूप में भी देखना चाहता / चाहती है। तभी तो आप अपनी हर छोटी बड़ी बात उसके सामने रखते जाते हैं और वहीं से वो आप में वह सब देखना चाहता/चाहती है,जो आपको औरों से अलग दिखने/दिखाने की चाह रखता/रखती हो। आपके लिए उसके मन में माँ, बाप, भाई, बहन, बेटी, शुभचिंतक, मार्गदर्शक,मित्र जैसे भाव महसूस होते हैं। तभी तो वो आपको निर्देशित, आदेशित, प्रेरित करते/करती हैं।


आभासी संबंधों में उम्र बहुत मायने नहीं रखती, तभी तो बड़ा होकर भी आप छोटा और छोटा होकर भी बड़ा बन जाते ही नहीं उसी अनुरूप व्यवहार भी करते हैं और खुश भी होते हैं।
बहुत बार आभासी दुनियां के रिश्ते को निभाने / खुशियों के लिए खून, किडनी तो क्या जान भी देकर रिश्तों की पवित्रता, मर्यादा को अमरत्व प्रदान कर जाते हैं।

 सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
©मौलिक, स्वरचित

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और कहानी खबरें
-
-
Total Visitor : 1,70,60,237
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy