ज्यादा छूट, ज्यादा स्वतंत्रता और ज्यादा लापरवाही नहीं है बल्कि अधिक सतर्कता ,अधिक सावधानी,और अधिक अनुशासित होने की आवश्यकता है। करोना महामारी ने जहां मानव जाति के लिए एक बड़ा संकट पैदा किया है वहीं इसका प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था पर भी साफ दिखाई दे रहा ह। इस महामारी से विश्व के 1 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 500000 ,(पांच लाख से अधिक) लोगों की मृत्यु हो चुकी है। विश्व में कोरोना का कहर सबसे अधिक अमेरिका, ब्राजील ,रूस, ब्रिटेन , स्पेन, पीरु में देखने को मिला है अमेरिका में बाजार खुलने के बाद हालात फिर खराब हुए हैं । देश के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फोसी ने कहा कि यदि स्वास्थ्य नियमों का पालन नहीं हुआ तो अमेरिका में 1 दिन के भीतर 100000(एक लाख) मामले सामने आ सकते हैं इस चेतावनी को बड़ी गंभीरता से लेने की आवश्यकता ह । भारत में महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात ,उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कोरोना का कहर दिखाई दे रहा है और इन राज्यों में करो ना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है इसमें कोई संदेह नहीं कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में स्थिति फिर भी नियंत्रित तो है लेकिन अधिक सतर्कता अपनाने की अति आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस गेब्रिसिस ने चेताया है ,कि अभी संक्रमण का इससे भी बुरा दौर आना बाकी ह। भारत में कोरोना वायरस आने के 6 महीने के बाद सबसे ज्यादा असर जून में देखने को मिले है ।विशेषज्ञों का मानना है कि जून की तरह जुलाई माह में भी स्थिति अति संवेदनशील हो सकती है। डाटा विशेषज्ञ दीपेन्द्र राय के अनुसार जून में संक्रमित मरीजों की संख्या और मौतों की संख्या दोनों ही में ही बढ़ोतरी हुई है । केरल के वरिष्ठ डाटा एक्सपर्ट जेम्स विल्सन का मानना है कि जुलाई में पांच से छह लाख संक्रमित मरीजों की संख्या हो सकती है । करोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी चाहे विश्व में हो या भारत में हो वास्तव में चिंता का विषय है । अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार यदि 2020 की दूसरी छमाही में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से 34 करोड नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं । यह तो सर्वविदित है कि अनलॉक एक के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है ,इसके दो प्रमुख कारण हैं अनलॉक व जांच में तेजी ।अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए, लोगों को रोजगार बना रहे यह अनलॉक समय की मांग भी है ।इस संकट के समय सतर्कता ही बचाव है और लापरवाही हम सभी पर महंगी पड़ सकती है ।हिमाचल प्रदेश में लोगों की सुविधा के लिए 60% सवारियों के साथ अनलॉक एक में बसें चलाई जा रही थी, लेकिन अब अनलॉक दो में 100% सवारियों के साथ भी आने वाले समय में बसें चलेंगी तो भी इस माहौल में अपनी और औरों की सुरक्षा के लिए हमें स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों की पालना कड़ाई से करनी होगी । हिमाचल प्रदेश में अब रात 9:00 बजे तक कर्फ्यू में ढील का तात्पर्य यह नहीं , कि घरों से बाहर घूमने का समय बढ़। है ,अधिक छूट मिली ह, बल्कि केवल आपातकाल स्थिति में ही इस छूट में बाहर निकले । हिमाचल प्रदेश में इस नियंत्रित स्थिति में यदि करोना महामारी से निपटने के नियमों में हम अनुशासित नहीं रहे ,नियमों की अनुपालन। नहीं की ,सतर्कता व एतिहात हमने नहीं अपनाई तो हिमाचल को करोना से ग्रस्त मुंबई और दिल्ली जैसी स्थिति होने में भी देर नहीं लगेगी । अतः घरों में रहें ,सुरक्षित रहें । सामाजिक दूरी बनाए रखें ,घरों से बाहर निकलने पर मास्क का अवश्य प्रयोग करें, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचे, बार बार साबुन स व जल से हाथ साफ करते रहें,किसी भी सतह को छूने के बाद सैनिटाइजर का प्रयोग भी किया जा सकता है, सार्वजनिक जगहों पर ना थूके। इन सावधानियों को अपनाने के बाद हम काफी हद तक इस महामारी से अपना व औरों का बचाव कर सकते हैं।