कोरोना का वार महंगाई से हाहाकार
कोरोना में जहां लोग अपना काम धंधा छोड़ के घरों में बैठ गए थे । कुछ समय तक तो जोड़ी हुए पूंजी से खाने की जरूरतों को पूरा करता हुआ आम इंसान अपना समय निकाल रहा था। इस दौर का ज्यादा असर मध्य वर्गीय परिवार के ऊपर पड़ा है, जिनके पास ना तो उच्च वर्ग की तरह जमा पूंजी है और ना ही निम्न वर्ग की तरह कुछ भी मांग कर अपनी जरुरतों को पूरा करने की हिम्मत है। इन हालातों में बाजारों में दुकानदारों ने जरूरी चीजों के दाम इतने ज्यादा कर दिए हैं कि हर चीज के लिए कीमत चौगनी चौगनी वसूल कर रहे हैं इस बीच मध्य वर्गीय परिवार जो मकान का किराया बिजली -पानी के बिल , बच्चों के स्कूल की ऑनलाइन क्लासेस की फीस और ऊपर से बेरोजगारी के कारण आठ महीने से घर पर बैठकर अपने भविष्य की चिंता कर रहा है लोग ज्यादातर बाजार में जरूरत की चीजें लेने जाते हैं जरूरत के दूसरे समान अगर किसी ने लेने की जरुरत पड़ गई है तो उस वस्तु की कीमत दुकानदार ज्यादा वसूल रहे हैं। इस महामारी में जहां हर तरफ मौत अपना पांव पसारे खड़ी है। आए दिन सैकड़ों मामले कोरोना के आ रहे है फिर भी इंसान का यह लालच थम नहीं रहा है वह और ज्यादा और ज्यादा जो ग्राहक भी आ रहे हैं उसे मन माना दाम वसूल कर रहे हैं। हर चीज के भाव बहुत ज्यादा हो गए हैं। खाने-पीने और राशन की जरूरतों तो हर इंसान ने पूरी करनी ही है। सब्जियों के दाम भी पहले से बहुत ज्यादा हो गए हैं।
कोरोना काल में सबसे पहला त्योहार राखी आया। इस त्योहार में राखी के लिए इस बार जो भाई-बहन दूसरे राज्यों में रहते हैं वहां जाना मुश्किल था इसलिए ज्यादातर लोग कोरियर सुविधा से ही राखी भेज रहे थे। हैरानी की सीमा नहीं रही जब एक कोरियर के लिए दुकानदार बाजार में 400 रुपए तक की राशि वसूल कर रहे हैं। जो कि साधारणता 100 से 150 तक की कीमत में चला जाता था।
इस तरह की वसूली बहुत ही चिंता जनक है। जो लोग दुकानदार नहीं है और प्राइवेट नौकरियों के तहत जिनके काम बंद है अपना रोज का काम- धंधा चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि जरूरी चीजें तो सब ने ही लेनी है। जिसके पास जो चीज है वह अपनी चीज के दाम जो भी ग्राहक आ रहा है एक ही व्यक्ति से वसूल करना चाहता है। यह महंगाई तो व्यक्ति को कोरोना की मार से पहले ही मार रही है।