Tuesday, December 03, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
प्रदेश हित में लिए निर्णयों से आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य की ओर अग्रसर हिमाचल: उप मुख्यमंत्रीराज्यपाल और मुख्यमंत्री सद्भावना क्रिकेट कप प्रतियोगिता का उद्घाटन करेंगेचंबा में बाल संरक्षण व कल्याण समिति तथा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से संबंधित बैठक आयोजित, हिमाचल में मनाया भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जन्मदिनराज्यपाल और मुख्यमंत्री सद्भावना क्रिकेट कप प्रतियोगिता का उद्घाटन करेंगेएसजेवीएन के सर्वोत्‍कृष्‍ट 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविदयुत स्टेशन (एनजेएचपीएस) ने डिजाइन एनर्जी उत्पादन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।18 महीने में बनकर तैयार होगी ढली सब्जी मंडीः मुख्यमंत्रीमहिला पर्यटकों की सुरक्षा पर पर्यटक हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
-
लेख

काव्य - संग्रह " त्रासदियों का दौर " पर मंतव्य

-
प्रीति शर्मा असीम | September 17, 2020 12:06 PM

  अमिताभ शुक्ल को कविता का संस्कार बचपन से ही मिल गया था . पेशे से अर्थशास्त्र के विश्वविद्याल यीन अध्यापक होकर भी उनकी अभिरुचि इतर अकादमिक अनुशासन में भी खूब है। इसलिए किताबी दुनिया के बीच रहकर किताबी कीट बन जाने वाली नियति से बचे रहे और समाज के प्रत्येक चाल चलन के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपनी संवेदनात्मक सजगता का परिचय देते रहे . कविता इन दिनों ठीक-ठीक क्या है ,कहना मुश्किल है . मेरी समझ में तो इतना आया है कि वह एक भावनात्मक भाषा है , संभवतः मूर्ति मती भाषा . डॉ अमिताभ शुक्ल की कविताएं इस कसौटी पर कितनी खरी हैं यह उनके पाठक ही तय करेंगे . पर जैसा महाकवि तुलसी कह गए हैं कि सच कहना ही कविता है . अमिताभ की कविताएं भी जमाने के उसी सच का बयान हैं . - प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह साहित्यकार एवं समालोचक , - भोपाल (म.प्र.) दिनांक - २ अक्टूबर २०.

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और लेख खबरें
-
-
Total Visitor : 1,69,40,732
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy